गोरखपुर जनपद में होटल–गेस्ट हाउसों की बढ़ती मनमानी, कुशीनगर की राह पर कारोबार
गोरखपुर जनपद में होटल और गेस्ट हाउस संचालकों की गतिविधियां अब गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही हैं। हालात ऐसे बनते दिख रहे हैं मानो गोरखपुर भी कुशीनगर की राह पर चल पड़ा हो। झंगहा थाना क्षेत्र के मोतीराम अड्डा तथा चौरी-चौरा थाना क्षेत्र के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तरकुलहा देवी के आसपास खुले गेस्ट हाउस और होटलों में संदिग्ध जोड़ों का बेरोकटोक आना-जाना और ठहरना अब आम बात हो गई है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन होटलों में नियम-कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि ग्रामीण इलाकों की मजबूर और गरीब लड़कियों को बहला-फुसलाकर इन होटलों तक लाया जा रहा है और सीधे कमरों में एंट्री दी जा रही है। इन होटलों में अनैतिक गतिविधियों के संचालन की सूचना लगातार मिल रही है, लेकिन इसके बावजूद न तो नियमित पुलिस चेकिंग हो रही है और न ही प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई दिखाई दे रही है।
सूत्रों का कहना है कि कई होटल संचालक केवल पैसों के लालच में बिना किसी पहचान पत्र (आईडी प्रूफ) के ही कमरे उपलब्ध करा देते हैं, जो सीधे तौर पर कानून का उल्लंघन है। मडापार टोल रोड पर लाइन से खुले गेस्ट हाउस और होटलों की स्थिति और भी गंभीर बताई जा रही है, जहां न तो रजिस्टर की ठीक से जांच होती है और न ही स्थानीय पुलिस की निगरानी नजर आती है। इसी प्रशासनिक ढिलाई का नतीजा है कि अवैध और अनैतिक कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है।
धार्मिक स्थलों के आसपास इस तरह की गतिविधियां न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि सामाजिक और नैतिक मूल्यों को भी गहरी ठेस पहुंचाती हैं। स्थानीय लोगों में इसको लेकर भारी आक्रोश है और वे लगातार प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
अब जरूरत है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज इस गंभीर मामले का संज्ञान लें। मांग उठ रही है कि इन होटलों और गेस्ट हाउसों की व्यापक जांच कराई जाए और यदि आरोप सत्य पाए जाएं तो संबंधित होटलों को तत्काल सील किया जाए तथा दोषी होटल संचालकों के खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए। जब तक सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक इस अवैध धंधे पर रोक लगना मुश्किल नजर आ रहा है।