पिता की मौत के बाद भी पुत्र का नाम वरासत में नहीं चढ़ा

पिता की मौत के बाद भी पुत्र का नाम वरासत में नहीं चढ़ा

तहसील तमकुहीराज में आठ वर्षों से न्याय के लिए भटक रहा इकलौता वारिस

अहिरौली दान, तमकुहीराज (कुशीनगर)।
तहसील तमकुहीराज अंतर्गत अहिरौली दान क्षेत्र से वरासत से जुड़ा एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यहां पिता की मृत्यु के वर्षों बाद भी उनके इकलौते पुत्र का नाम जमीन की वरासत में दर्ज नहीं किया गया, जबकि मृतक के भाइयों ने कथित रूप से फर्जी तरीके से जमीन अपने नाम दर्ज करा ली।
मामला स्वर्गीय अयोध्या गोंड पुत्र महादेव गोंड से जुड़ा है। उनके निधन के समय उनका पुत्र सोनू गोंड बचपन में ही रोजगार के सिलसिले में घर से बाहर चला गया था। करीब 12 वर्षों तक बाहर रहने के दौरान ही अयोध्या गोंड की मृत्यु हो गई।
सोनू गोंड ने बताया कि जब पिता की मौत की जानकारी मिलने के बाद वह घर लौटा, तो उसे बड़ा झटका लगा। उसने देखा कि उसके पिता की पूरी जमीन उसके ही चाचाओं द्वारा अपने नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज करा ली गई है। सोनू के अनुसार, उसके पिता के आठ भाइयों ने उसकी अनुपस्थिति का फायदा उठाते हुए फर्जी तरीके से वरासत करवा ली।
पीड़ित सोनू गोंड का कहना है कि वह अपने पिता का एकमात्र वैधानिक वारिस है, इसके बावजूद पिछले आठ वर्षों से तहसील से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। हर बार उसे जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, लेकिन आज तक न तो उसका नाम वरासत में चढ़ा और न ही फर्जी नाम हटाए गए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि तहसील तमकुहीराज में वरासत और नामांतरण के मामलों में भारी अनियमितता और धांधली व्याप्त है। यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन के दावों पर भी सवाल खड़े करता है।
अब पीड़ित सोनू गोंड और ग्रामीणों की मांग है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और वास्तविक वारिस को उसका हक दिलाया जाए।
रिपोर्ट : के. एन. साहनी

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