सुरक्षा के दावों की पोल खोल गई थावे देवी मंदिर चोरी

सुरक्षा के दावों की पोल खोल गई थावे देवी मंदिर चोरी
कड़ी सुरक्षा के बीच कैसे उड़ गया मां दुर्गा का मुकुट? पुलिस व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
थावे/गोपालगंज (बिहार)।
बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध थावे देवी (मां दुर्गा) मंदिर से हुई करोड़ों की चोरी ने न केवल श्रद्धालुओं को आहत किया है, बल्कि पुलिस और प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जिस मंदिर परिसर में चौबीसों घंटे पुलिस तैनाती, सीसीटीवी कैमरे और रात्रि गश्त के दावे किए जाते रहे, उसी परिसर से मां दुर्गा का बहुमूल्य सोने का मुकुट, आभूषण और दानपेटी चोरी हो जाना व्यवस्था की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है।
कैसे हुई चोरी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, चोरी की यह घटना रात्रि लगभग 11:30 से 12:00 बजे के बीच हुई। चोरों ने मंदिर के पीछे की ओर से सीढ़ी और रस्सी के सहारे परिसर में प्रवेश किया। इसके बाद वे सीधे गर्भगृह तक पहुंचे और मां दुर्गा की प्रतिमा से सोने का मुकुट, हार सहित अन्य कीमती आभूषण उतारकर फरार हो गए।
बताया जा रहा है कि चोरी गया मुकुट करीब 500 ग्राम से अधिक सोने का था, जिसकी कीमत 50 लाख से 1 करोड़ रुपये के बीच आंकी जा रही है।
सीसीटीवी में कैद, फिर भी सवाल
चोरी की पूरी वारदात मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई है। फुटेज में दो संदिग्ध व्यक्ति मुंह ढके हुए मंदिर परिसर में घूमते नजर आ रहे हैं। इसके बावजूद सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब कैमरे चालू थे और सुरक्षा तैनात थी, तो चोरों को रोकने वाला कोई क्यों नहीं दिखा?
क्या सुरक्षा कर्मी सो रहे थे, या लापरवाही जानबूझकर बरती गई — यह अब जांच का विषय है।
पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस हरकत में आई।
मंदिर प्रशासन की तहरीर पर FIR दर्ज की गई।
विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया।
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्धों की पहचान की जा रही है।
डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिक टीम को भी जांच में लगाया गया है।
पुलिस ने चोरों की जानकारी देने वालों के लिए इनाम घोषित किया है।
सूत्रों के अनुसार, मंदिर सुरक्षा में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों की ड्यूटी में लापरवाही की भी जांच शुरू हो चुकी है और जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
श्रद्धालुओं में आक्रोश
घटना के बाद मंदिर परिसर में भारी संख्या में श्रद्धालु जुट गए। लोगों में आक्रोश और पीड़ा दोनों साफ देखी गई। श्रद्धालुओं का कहना है कि थावे माता आस्था का केंद्र है और यहां सुरक्षा में चूक होना आस्था के साथ खिलवाड़ है।
सुरक्षा पर बड़ा प्रश्नचिह्न
यह घटना केवल चोरी नहीं, बल्कि सरकारी सुरक्षा तंत्र की विफलता का प्रतीक बन गई है।
जब हाई सिक्योरिटी माने जाने वाले धार्मिक स्थल सुरक्षित नहीं हैं,
जब कैमरे सब कुछ देखते हुए भी अपराध नहीं रोक पा रहे,
तो आम जनता खुद को कितना सुरक्षित माने?
अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में केवल औपचारिक कार्रवाई करती है या वास्तव में दोषियों को पकड़कर श्रद्धालुओं का विश्वास बहाल कर पाती है।
रिपोर्ट : के. एन. राय
ओम पत्रिका बिहार

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने